धनतेरस पर क्या खरीदना है शुभ? जानिए पूरी लिस्ट और कारण

धनतेरस पर क्या खरीदना है शुभ? जानिए पूरी लिस्ट और कारण

धनतेरस हिंदू धर्म का एक बहुत ही शुभ और पावन पर्व है, जिसे दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। “धन” का मतलब है समृद्धि या संपत्ति और “तेरस” का मतलब है तेरहवीं तिथि। इस तरह “धनतेरस” का अर्थ है — धन और सौभाग्य की प्राप्ति का दिन। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का खास महत्व होता है।

इस दिन को धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व कहा जाता है। माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करता है और शुभ मुहूर्त में खरीदारी करता है, तो उसके जीवन में लक्ष्मी का वास होता है। घरों और दुकानों में साफ-सफाई कर सुंदर सजावट की जाती है और दीपक जलाए जाते हैं ताकि मां लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके।

धनतेरस 2025 की तिथि और दिन

वर्ष 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाई जाएगी। यह दिन दिवाली से दो दिन पहले आता है और इसे “धनत्रयोदशी” भी कहा जाता है। इस दिन की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे प्रारंभ होकर रात 10:10 बजे समाप्त होगी। यह समय विशेष रूप से खरीदारी, नए कार्य शुरू करने और पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना गया है। इस दिन बाजारों में भीड़ रहती है, लोग सोना, चांदी, बर्तन, वाहन और नई वस्तुएँ खरीदते हैं ताकि उनके घर में लक्ष्मी का आगमन हो।

धनतेरस 2025 का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर पूजा और खरीदारी के लिए सही समय का खास महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में पूजा करने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर विशेष रूप से खुश होते हैं।

तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे

तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर 2025, रात 10:10 बजे

प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से 8:20 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक

इस समय में की गई पूजा और खरीदारी बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस दौरान देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की आराधना करने से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस की पूजा करते समय शुद्धता, श्रद्धा और नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई विधि से पूजा करने पर देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है —

साफ-सफाई करें:
सुबह-सुबह घर और कार्यस्थल की अच्छी तरह सफाई करें। स्वच्छता से सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

सजावट और दीपक जलाना:
घर के मुख्य द्वार पर सुंदर रंगोली बनाएं और दोनों ओर दीपक जलाएं। यह शुभता का प्रतीक माना जाता है।

पूजा स्थान तैयार करें:
एक साफ जगह पर मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उनके सामने तांबे या चांदी का कलश रखें, जिसमें जल, चावल, सुपारी और सिक्के डालें।

धन्वंतरि पूजा करें:
भगवान धन्वंतरि की पूजा स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए की जाती है। उन्हें तुलसी पत्र और शुद्ध घी अर्पित करें।

मंत्र जाप करें:
मां लक्ष्मी की आराधना करते हुए “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

दीपदान करें:
शाम को घर, आंगन, तुलसी चौरा और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। माना जाता है कि दीपदान से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

धनतेरस पर क्या खरीदें

धनतेरस को “खरीदारी का पर्व” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन खरीदी गई चीजें शुभ फल देती हैं। सोना और चांदी: सोने या चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदना बहुत शुभ होता है। यह धन की वृद्धि और स्थिरता का प्रतीक है। बर्तन: तांबे, चांदी या स्टील के नए बर्तन खरीदना लाभदायक माना जाता है। इन बर्तनों में जल या चावल भरकर मंदिर में रखना शुभ माना गया है। इलेक्ट्रॉनिक और वाहन: धनतेरस पर नई गाड़ियां, मोबाइल, या अन्य कीमती सामान खरीदना भी शुभ माना जाता है। तुलसी पौधा या तांबे का पात्र: स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि को ध्यान में रखकर तुलसी या तांबे का पात्र खरीदना भी शुभ होता है।

धनतेरस पर क्या खरीदें

धनतेरस को “खरीदारी का पर्व” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन खरीदी गई चीजें शुभ फल देती हैं।

सोना और चांदी:
सोने या चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदना बहुत शुभ होता है। यह धन की वृद्धि और स्थिरता का प्रतीक है।

बर्तन:
तांबे, चांदी या स्टील के नए बर्तन खरीदना लाभदायक माना जाता है। इन बर्तनों में जल या चावल भरकर मंदिर में रखना शुभ माना गया है।

इलेक्ट्रॉनिक और वाहन:
धनतेरस पर नई गाड़ियां, मोबाइल, या अन्य कीमती सामान खरीदना भी शुभ माना जाता है।

तुलसी पौधा या तांबे का पात्र:
स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि को ध्यान में रखकर तुलसी या तांबे का पात्र खरीदना भी शुभ होता है।

धनतेरस पर क्या न करें

धनतेरस का दिन जितना शुभ है, उतनी ही सावधानी इस दिन बरतनी चाहिए। कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें इस दिन करने से बचना चाहिए।

उधार न लें या दें:
इस दिन किसी से धन उधार लेना या देना दोनों ही अशुभ माने जाते हैं। इससे पूरे वर्ष आर्थिक परेशानियाँ हो सकती हैं।

विवाद से बचें:
इस दिन क्रोध, झगड़ा या कटु वचन बोलने से बचें। धनतेरस शांति और सकारात्मकता का पर्व है।

काले कपड़े न पहनें:
काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लाल, पीला, सुनहरा या सफेद वस्त्र पहनना शुभ रहता है।

लोहे की वस्तुएं न खरीदें:
लोहे का संबंध शनि ग्रह से है, इसलिए इस दिन लोहे की वस्तुएं खरीदना अपशकुन माना गया है।

घर में अंधेरा न रहने दें:
पूरे घर में दीपक जलाएं ताकि लक्ष्मी जी का वास बना रहे।

धनतेरस का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन को “धन्वंतरि जयंती” भी कहा जाता है। वे आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता हैं।

इसके अलावा, इस दिन भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। भगवान कुबेर को धन का अधिपति माना गया है, और मां लक्ष्मी संपत्ति व सौभाग्य की देवी हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस की पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

धनतेरस 2025 आपके जीवन में अपार धन, स्वास्थ्य और खुशियों का प्रकाश लाए —

शुभ धनतेरस! 🪔✨